Mar 26, 2025

हरतालिका तीज व्रत में क्रोध और सोने जैसे कई कार्यों को वर्जित किया गया है, इसके कारणों को समझें। Hartalika Teej fast anger and sleeping;

सोने से लेकर खाने तक हर किस्म का नियम है महत्वपूर्ण

सोने और खाने से संबंधित हर नियम का महत्व है। हरतालिका तीज के व्रत में विधि और कठोर नियमों का पालन करना आवश्यक है, जैसा कि पौराणिक कथाओं में बताया गया है। इस व्रत के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। हरतालिका व्रत करने वाली महिलाओं के लिए सोना मना है। यह व्रत कुमारी कन्याओं और सुहागिन महिलाओं दोनों द्वारा किया जा सकता है, लेकिन एक बार व्रत शुरू करने के बाद इसे जीवनभर बनाए रखना अनिवार्य है। केवल एक स्थिति में इस व्रत को छोड़ा जा सकता है, जब व्रत रखने वाली गंभीर रूप से बीमार हो जाएं, लेकिन इस स्थिति में किसी अन्य महिला या उसके पति को यह व्रत करना होगा।

व्रत कथा में बताया है क्या करना है वर्जित

हरतालिका तीज की व्रत कथा में उन सभी बातों का उल्लेख किया गया है, जिन्हें इस विशेष दिन पर करना निषिद्ध माना जाता है। इसलिए, इस व्रत के नियम अत्यंत कठोर होते हैं। इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है, जिसके कारण हरतालिका तीज को महाव्रत के रूप में जाना जाता है। कथा के अनुसार, इस दिन महिलाओं को क्रोध नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे उनके मन की पवित्रता प्रभावित होती है। संभवतः इसी कारण महिलाएं गुस्से को नियंत्रित करने के लिए अपने हाथों में मेंहदी लगाती हैं। व्रत के दिन पूरी रात जागकर पूजा करना आवश्यक है। कथा में कहा गया है कि यदि व्रत रखने वाली महिला रात में सो जाती है, तो उसे अगले जन्म में अजगर के रूप में जन्म लेना पड़ता है। इसी तरह, यदि वह गलती से कुछ खा या पी लेती है, तो अगले जन्म में उसे वानर का रूप धारण करना पड़ता है। जो महिलाएं इस दिन निर्जल रहकर व्रत नहीं करती हैं, उन्हें भी इसके गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।

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