उत्तराखंड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मंदिर स्थित है, जो भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यह मंदिर तीन ओर से केदारनाथ, खर्चकुंड और भरतकुंड पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसके अतिरिक्त, यहां मंदाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी नामक पांच नदियों का संगम भी है, जिनमें से वर्तमान में केवल अलकनंदा और मंदाकिनी ही बह रही हैं। सर्दियों के मौसम में मंदिर पूरी तरह से बर्फ से ढक जाता है, इस दौरान इसके कपाट बंद कर दिए जाते हैं और बैशाखी के बाद इन्हें खोला जाता है।
केदारनाथ का इतिहास
हिंदुओं के चार प्रमुख धामों में से दो, केदारनाथ और बद्रीनाथ, उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं। प्राचीन धार्मिक कथाओं के अनुसार, हिमालय के केदार पर्वत पर भगवान विष्णु के अवतार नर और नारायण ने कठोर तपस्या की थी। उनकी इस तपस्या से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने उन्हें दर्शन दिए। इसके साथ ही, नर और नारायण के अनुरोध पर भगवान शिव ने वहां ज्योतिर्लिंग के रूप में निवास करने का आशीर्वाद भी प्रदान किया। इस प्रकार, केदारनाथ और बद्रीनाथ की धार्मिक महत्ता और उनके पीछे की पौराणिक कथाएँ हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखती हैं।