Oct 2, 2021

Shiv Strotram By Aadi Shankracharya

 Shiv Strotram  By Aadi  Shankracharya

मनो बुद्ध्यहंकारचित्तानि नाहम्

न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे

न च व्योम भूमिर् न तेजो न वायु:

चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥१॥

mano buddhi ahankara chittani naaham

na cha shrotravjihve na cha ghraana netre

na cha vyoma bhumir na tejo na vaayuhu

chidananda rupah shivo'ham shivo'ham


मैं मन नहीं हूँ, न बुद्धि ही, न अहंकार हूँ, न अन्तःप्रेरित वृत्ति;

मैं श्रवण, जिह्वा, नयन या नासिका सम पंच इन्द्रिय कुछ नहीं हूँ

पंच तत्वों सम नहीं हूँ (न हूँ आकाश, न पृथ्वी, न अग्नि-वायु हूँ)

वस्तुतः मैं चिर आनन्द हूँ, चिन्मय रूप शिव हूँ, शिव हूँ।

I am not the mind, the intellect, the ego or the memory,

I am not the ears, the skin, the nose or the eyes,

I am not space, not earth, not fire, water or wind,

I am the form of consciousness and bliss,

I am the eternal Shiva...

न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु:

न वा सप्तधातुर् न वा पञ्चकोश:

न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू

चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥२॥

na cha prana sangyo na vai pancha vayuhu

na va sapta dhatur na va pancha koshah

na vak pani-padam na chopastha payu

chidananda rupah shivo'ham shivo'ham


मैं नहीं हूँ प्राण संज्ञा मुख्यतः न हूँ मैं पंच-प्राण1 स्वरूप ही,

सप्त धातु2 और पंचकोश3 भी नहीं हूँ, और न माध्यम हूँ

निष्कासन, प्रजनन, सुगति, संग्रहण और वचन का4;

वस्तुतः मैं चिर आनन्द हूँ, चिन्मय रूप शिव हूँ, शिव हूँ।


1. प्राण, उदान, अपान, व्यान, समान; 2. त्वचा, मांस, मेद, रक्त, पेशी, अस्थि, मज्जा;

3. अन्नमय, मनोमय, प्राणमय, विज्ञानमय, आनन्दमय; 4. गुदा, जननेन्द्रिय, पैर, हाथ, वाणी


I am not the breath, nor the five elements,

I am not matter, nor the 5 sheaths of consciousness

Nor am I the speech, the hands, or the feet,

I am the form of consciousness and bliss,

I am the eternal Shiva...


न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ

मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव:

न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष:

चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥३॥

na me dvesha ragau na me lobha mohau

na me vai mado naiva matsarya bhavaha

na dharmo na chartho na kamo na mokshaha

chidananda rupah shivo'ham shivo'ham

न मुझमें द्वेष है, न राग है, न लोभ है, न मोह,

न मुझमें अहंकार है, न ईर्ष्या की भावना

न मुझमें धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष ही हैं,

वस्तुतः मैं चिर आनन्द हूँ, चिन्मय रूप शिव हूँ, शिव हूँ।

There is no like or dislike in me, no greed or delusion,

I know not pride or jealousy,

I have no duty, no desire for wealth, lust or liberation,

I am the form of cons

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